पटना: बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने बिहार निर्वाचन आयोग पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि बिहार निर्वाचन आयोग ने अपनी गरिमा को ख़त्म कर सरकारी बाबुओं का कार्यालय बन चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर ही राज्य निर्वाचन आयोग के अफसर काम करते हैं। सरकार के अतिरिक्त सभी को आचार संहिता के नाम पर रोका जाता है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यदि किसी सांसद अथवा विधायक को नगर में 6 महीने पुराने सड़क का भी उद्घाटन करना है तो जिलाधिकारी नियम समझाते हैं कि बिहार के शहरों में आदर्श आचार संहिता लागू है तथा इसलिए कोई कार्य आप नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं यदि 18 साल से कम के बच्चों का भी कोई कार्यक्रम एक सांसद के तौर पर करने पर भी आदर्श आचार संहिता की दुहाई देकर रोका जाता है।
वही दूसरी तरफ बिहार सरकार पुरानी नौकरियों का भी प्रमाण पत्र बांट रही हैं तथा सार्वजनिक सभा कर योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया जा रहा है। संजय जायसवाल ने कहा कि क्या आचार संहिता सिर्फ बीजेपी के लिए है, प्रदेश सरकार कुछ भी करती रहे उसपर कोई रोक नहीं लगेगी। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जाता है कि राज्य निर्वाचन आयोग की बिहार में दशा क्या है तथा आयोग सिर्फ सरकारी बाबुओं का दफ्तर बनकर रहा गया है। अफसर सिर्फ सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं।
नीतीश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पर हमला बोलते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ सांसद एवं विधायकों को अचार संहिता के नाम पर काम करने से रोका जा रहा है वहीं दूसरी ओर बिहार के सीएम, डिप्टी सीएम, सभी विभागों के सचिव खुलेआम पटना शहर में पुरानी नौकरियों को नया बताकर नियुक्ति पत्र बांटते हैं। गया जी मे नल जल योजना का सार्वजनिक उद्घाटन एवं सभा करते हैं। मगर इसको संज्ञान में लेने की सुधि निर्वाचन आयोग को नहीं है। डॉ जायसवाल ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि सांसद,विधायक कोई भी कार्यक्रम, आदर्श आचार संहिता के तहत शहर में नहीं कर सकते हैं तो किस नियम के तहत सीएम, डिप्टी सीएम,विभागों के सचिव सार्वजनिक सभा कर पटना में नौकरियां बांट रहे हैं और बोधगया में नदी जल योजना का उद्घाटन कर रहे हैं। क्या यह नगर में लगे आदर्श आचार संहिता में नहीं आता है। यदि यह आता है तो अभी तक सीएम एवं डिप्टी सीएम के ऊपर एफआईआर निर्वाचन आयोग ने क्यों नहीं दर्ज कराया है? बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यदि यह आचार संहिता उल्लंघन में नहीं आता है तो किस नियम से सांसद एवं विधायकों को नगर में किसी भी कार्य पर आदर्श आचार संहिता की बात की जा रही है।
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