जिन्ना हमेशा से बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब रहे है. जिन्ना की मजार जा कर लालकृष्ण आडवाणी ने बवाल को जन्म दिया था. 13 साल बाद एक बार फिर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक अलग ही बहस को जन्म दे दिया है. बीजेपी से राज्यसभा सांसद बने हरिनाथ यादव ने कहा है कि स्वामी प्रसाद को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए नहीं तो उन्हें पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए. वहीं स्वामी प्रसाद ने सफाई देने से इंकार कर दिया है.
हरिनाथ यादव ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को लेकर गलतबयानी की है. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें पार्टी से बाहर निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैसे भी स्वामी प्रसाद मौर्य का बीजेपी से मोहभंग हो रहा है. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य जिन्ना वाले अपने बयान पर कायम हैं. इस मामले पर उन्होंने सफाई देने से इंकार कर दिया है. बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान दिया था कि राष्ट्र निर्माण में जिन महापुरुषों का योगदान रहा है उनपर अंगुली उठाना घटिया बात है. उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे से पहले इस देश में जिन्ना का भी योगदान है.
इस विवाद की शुरुआत की बात करे तो अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने AMU के कुलपति तारिक मंसूर को एक पत्र लिखा जिसमे विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय में जिन्ना की लगी तस्वीर पर आपत्ति जताई थी. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया और कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी.
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