राजस्थान में बीते बहुत वक्त से छिड़ी राजनीतिक जंग सचिन पायलट की वापसी के साथ भले ही समाप्त हो गई हो, किन्तु राजनीतिक उथल पुथल अभी भी जारी है. राजस्थान में आज से विधानसभा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है. विधानसभा सत्र से पहले गुरुवार को सीएम अशोक गहलोत ने एमएलए दल की मीटिंग बुलाई, जिसमें पहली बार सचिन पायलट भी शामिल हुए. बैठक में सीएम गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा की, जिसके जवाब में बीजेपी ने ऐलान किया कि वह विधानसभा सत्र के पहले ही दिन अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात से हर कोई हैरान है क्योंकि सचिन की वापसी के पश्चात गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित नजर आ रही है जबकि भाजपा के पास नंबर नहीं हैं.
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बता दे कि राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट की वापसी ने साफ कर दिया कि गवर्नमेंट पर अब किसी प्रकार की कोई विपत्ति नहीं है. सचिन पायलट ने गुरुवार को जिस तरह से अशोक गहलोत के निवास पर हुई विधायक दल की मीटिंग में भाग लिया उससे साफ हो गया कि दोनों ही नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों से चली आ रही नाराजगी भी अब खत्म हो गई है. इसी बीच राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ये कह कर हर किसी को हैरान कर दिया भाजपा अशोक गहलोत सरकार के विरूध्द अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है.
सत्ता की जंग के बीच आज से राजस्थान का विधानसभा सत्र, भाजपा लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
इसके अलावा 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में भाजपा के नजदीक इस वक्त राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 एमएलए और एक निर्दलीय के समर्थन के साथ कुल 76 सीटें हैं. राजस्थान में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 101 एमएलए के समर्थन की जरूरत होती है. वहीं, सचिन पायलट की वापसी के साथ राजस्थान कांग्रेस एक बार फिर मजबूत हो गई है. 19 एमएलए के साथ सचिन की वापसी के पश्चात राजस्थान में कांग्रेस के पास 107 एमएलए का समर्थन है.
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