लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यालय पर एक विवादित पोस्टर लगाया गया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जातिवादी पार्टी के रूप में चित्रित किया गया है। इस पोस्टर में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी नाम अंकित है। पोस्टर में लिखा गया है कि भाजपा सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है, इसक सबूत अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में राहुल गांधी जी की जाति पूछकर दे दिया है।
जाति कैसे पूछ ली अखिलेश जी ? pic.twitter.com/uaFujlDWrD
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 31, 2024
वहीं, इस विवादित पोस्टर को लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ बताया है। हालाँकि, सपा ने इसे अपनी विचारधारा की अभिव्यक्ति करार दिया है। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, राहुल गांधी और अखिलेश यादव को कई मौकों पर पत्रकारों और अन्य लोगों से जाति पूछते हुए देखा गया है। वे देशवासियों की जाति जनगणना की मांग भी कर चुके हैं। यहाँ तक कि राहुल कई मौकों पर सार्वजनिक मंचों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति पर भी सवाल उठाते रहे हैं और कहते रहे हैं कि वे नकली OBC हैं, असली में पिछड़े नहीं हैं। यही नहीं वे पीएम मोदी को घांची तेली और क्या क्या कह चुके हैं।
मोदी जी की जाति क्या है!
— Panchjanya (@epanchjanya) July 31, 2024
मोदी जी किस जाति के हैं!
हजारों लोगों के बीच में राहुल गांधी PM मोदी की जाति बता सकते हैं।
लेकिन राहुल गांधी से कोई उनकी जाति न पूछे!
क्या आप बता सकते हैं राहुल गांधी की जाति क्या है ? pic.twitter.com/byVGlP360S
ऐसे में, जब भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी राहुल गांधी से जाति पूछी, तो इसे अपमान मानने का क्या तर्क है? क्योंकि, यदि जातिगत जनगणना हुई, तो उसमे भी राहुल गांधी को अपनी जाति तो बताना ही पड़ेगी, क्योंकि ये उनकी ही मांग है, तो क्या वे इसे अपमान समझेंगे। यह सवाल उठता है कि यदि जाति पूछने का काम केवल एक पक्ष की ओर से किया जाए तो उसे अपमान क्यों मान लिया जाए, जबकि अन्य नेताओं द्वारा जाति पूछना और जनगणना की मांग करना स्वीकार्य होता है।