लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने शुक्रवार को संसद में बीआर अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। लोकसभा के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुद्दे पर अपनी राय रखी।
अखिलेश ने कहा कि, "संसद सत्र आज भले ही समाप्त हो रहा हो, लेकिन मुद्दे समाप्त नहीं होते। बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान और उनके प्रति भाजपा का रवैया- विपक्ष की मांग है कि उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। अगर हमें देश को आगे ले जाना है, तो बाबासाहेब का संविधान रास्ता दिखाता है। भाजपा समय-समय पर संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास करती है।" अखिलेश ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर की भी आलोचना की और इसे "झूठा मामला" करार दिया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि, "हमें भाजपा की रणनीति को समझना होगा। वे पहले असंवैधानिक चीजें करते हैं और अन्याय करते हैं। जब आप अन्याय का सामना करने वालों के साथ खड़े होते हैं, तो वे झूठे मामले दर्ज करते हैं। यह पहली बार नहीं हो रहा है। यह भाजपा की रणनीति है।"
वहीं, अखिलेश यादव की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव ने भी संसद परिसर में कल हुई हाथापाई के लिए भाजपा सांसदों को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी के दो सांसद घायल हो गए। उन्होंने कहा कि, "मकर द्वार पर कल जो गतिरोध हमने देखा, उसके लिए केवल भाजपा सांसद ही जिम्मेदार हैं। हमने ऐसा गतिरोध पहले कभी नहीं देखा।" भाजपा सांसदों से माफ़ी की मांग करते हुए उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि भाजपा सांसद माफ़ी मांगें क्योंकि उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है, जो देश के हर नागरिक के लिए आदर्श है।"
उल्लेखनीय हैं कि, इस वक़्त संसद में आंबेडकर विवाद को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। बीते दो दिनों से इस मुद्दे पर निरंतर विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अमित शाह पर आंबेडकर के खिलाफ कथित टिप्पणी करने का आरोप लगा रहे हैं और बीजेपी पर हमलावर हैं। इस विवाद के बाद संसद परिसर में धक्का-मुक्की के मामले को लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में FIR दर्ज कराई है। इस FIR में भारतीय दंड संहिता की छह धाराओं का जिक्र किया गया है, जिनमें धारा 125, 115, 117, 131, 351, और 3(5) शामिल हैं। क्राइम ब्रांच अब इस मामले की जांच करेगी।