गुवाहाटी: असम विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता अमीनुल हक लश्कर ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि निजी मदरसे कभी बंद नहीं किए जाएंगे, क्योंकि इन्होंने मुस्लिमों को जीवित रखा है। असम सरकार ने सभी सरकारी मदरसों और संस्कृत विधालयों को बंद करने का फैसला लिया है। इस संबंध में नोटिफिकेशन के इस महीने जारी होने की उम्मीद है।
कछार जिले में रविवार को एक मदरसे का शिलान्यास करने के दौरान उन्होंने कहा कि क्या कोई मदरसा बंद हुआ है? ये मदरसे कभी बंद नहीं होंगे क्योंकि इन्होंने मुस्लिमों को जीवित रखा है। उन्होंने कहा कि इन मदरसों से कई मौलाना और काजी निकले हैं। इन मदरसों में मस्जिदों के इमाम ने शिक्षा प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें कभी भी बंद नहीं किया गया। शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ऐलान किया था कि राज्य के सभी सरकारी मदरसे बंद किए जाएंगे, क्योंकि सरकार धर्मनिरपेक्ष समाज में धार्मिक शिक्षा का समर्थन नहीं कर सकती, उनके इस बयान पर विपक्षी दलों ने तल्ख़ प्रतिक्रिया की थी।
विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि जब मदरसे बंद हों तब विरोध जताइए। जब भाजपा सरकार द्वारा मदरसे बंद करने के लिए कांग्रेस प्रदर्शन करे तो उन्हें बताइए कि केवल सरकारी मदरसे बंद होंगे। सोशल मीडिया पर जमकर प्रसारित हो रहे उनके इस बयान पर जब उनसे संपर्क किया गया तो लश्कर ने जवाब देते हुए कहा है कि सरकारी मदरसों को बंद करने से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक शिक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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