भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के निर्वाचन आवेदन को चुनौती देती कांग्रेस के पूर्व विधायक लेखराम साहू की याचिका पर गुरुवार को जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्यसभा सदस्य पांडेय के खिलाफ जांच के लिए सात बिंदु तय कर दिए हैं. इसके साथ ही पांडेय को दस्तावेज पेश करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी है.
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साल 2018 में मार्च के महीने में राज्य कोटे से रिक्त हुई एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव कराया गया था. कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक लेखराम साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था. चुनाव में पराजित होने के बाद लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में निर्वाचित राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ याचिका दायर की थी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरोज द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में भाजपा के 11 विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे. ये सभी लाभ के पद पर काबिज थे. लाभ के पद पर होते हुए प्रस्तावक व समर्थक बनने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने सरोज पांडेय द्वारा नामांकन पत्र में स्थायी पता और बैंक अकाउंट नंबर भी छिपाने का आरोप लगाया.
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