नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं. स्वामी ने शुक्रवार सुबह ट्विटर पर लिखा कि, 'गोवा और कश्मीर को देखने के बाद मुझे लगता है कि अगर हम एक ही पार्टी के रूप में भाजपा के साथ रह गए तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा. 'कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को हिदायत देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि, 'विपक्ष इटालियंस और संतान को पार्टी से हटने को कहे. इसके बाद ममता बनर्जी एकजुट कांग्रेस की अध्यक्ष बनें. एनसीपी को भी कांग्रेस में विलय कर देना चाहिए.'
उल्लेखनीय है कि सुब्रमण्यम स्वामी अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहते हैं. उनका यह ट्वीट ऐसे वक़्त में आया है जब गोवा और कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम को लेकर विपक्ष भाजपा पर हमलावर है. असल में, गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 15 विधायक थे. 10 विधायकों के भाजपा में शामिल होने से उसके 5 विधायक बचे हैं. वहीं कर्नाटक में कुछ विधायकों के बागी रुख अख्तियार करने लेने के बाद कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर सत्ता जाने का खतरा मंडरा रहा है.
आपको बता दें कि कर्नाटक और गोवा के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस भाजपा को कठघरे में खड़ा कर रही है. उच्च सदन में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने भाजपा और उसके नेताओं पर संविधान की परवाह न करने का आरोप भी लगाया था. गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि, ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार केवल धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विपक्ष को खत्म करने के लिए ही सत्ता में आई है.
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