नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हाल ही में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में आशा अनुरूप परिणाम नहीं मिले हैं। अब पार्टी हार पर लगातार मंथन कर रही है। इस चर्चा में क्षेत्रीय नेतृत्व की कमी की बात मजबूती से सामने आई है। भाजपा के राष्ट्रीय और बंगाल स्तर के दिग्गज नेताओं ने कहा है कि बंगाल में पार्टी के प्रदर्शन ने चुनावी मॉडल को बदलने की जरुरत को रेखांकित किया है जो फिलहाल केंद्रीय नेतृत्व पर काफी ज्यादा निर्भर है।
दिल्ली में एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि, 'विरोधियों से लड़ने के के लिए मैदान पर मजबूत चेहरे होने की आवश्यकता है। यह पश्चिम बंगाल चुनाव का एक अहम मुद्दा रहा है। हालांकि अतीत में पार्टी ने अधिकतर चुनाव सीएम फेस के बिना ही लड़े हैं, किन्तु एक धारणा है कि यह अब काम नहीं करता है। हालांकि भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी का नेतृत्व लोकप्रिय है, लेकिन मजबूत स्थानीय नेतृत्व बेहद जरुरी है।”
बंगाल चुनाव के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले सप्ताह एक इंटरव्यू में बताया था कि ममता बनर्जी के खिलाफ जंग में स्थानीय चेहरे का अभाव पार्टी के नुकसान की वजह हो सकता है। नुकसान की दूसरी वजह यह हो सकती है कि ममता बनर्जी का नेतृत्व विशाल था और हम एक स्थानीय नेता को प्रोजेक्ट नहीं कर पाए।
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