जयपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी सप्ताहांत में चुनावी राज्यों राजस्थान और तेलंगाना में संगठनात्मक बैठकों पर ध्यान केंद्रित करेगी। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संगठन के साथ एक दिन की बैठक के लिए शनिवार को हैदराबाद में रहेंगे, जबकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक दिन की बैठक के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री की हैदराबाद में दोपहर से बैठकें शुरू होंगी और बैठकें आधी रात के करीब तक चलने की उम्मीद है। अपने जयपुर दौरे के दौरान भी इसी तरह की बैठकों का एक दौर नड्डा द्वारा लिए जाने की उम्मीद है। भाजपा के घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने कहा कि एक संगठन के रूप में पार्टी के कामकाज को समझने का व्यापक अनुभव रखने वाले नड्डा और शाह दोनों एक एकजुट इकाई के रूप में काम करते हैं।
जहां अमित शाह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर ध्यान केंद्रित करेंगे, वहीं सूत्रों ने बताया कि नड्डा मुख्य रूप से राजस्थान पर ध्यान केंद्रित करेंगे। तेलंगाना के मामलों को दोनों मिलकर देखेंगे। संगठनात्मक बैठकें ऐसे समय में हो रही हैं जब चुनावी राज्यों, विशेषकर राजस्थान में भाजपा की योजना को लेकर संदेह है। दरअसल, भाजपा, जो आम तौर पर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करती है, उस पर देर-सबेर राजस्थान के लिए निर्णय लेने का दबाव होगा कि क्या किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया जाएगा या पार्टी सामूहिक नेतृत्व के साथ जाएगी। घटनाक्रम से जुड़े करीबी सूत्रों ने कहा है कि, “वसुंधरा राजे पर भी भाजपा दांव खेल सकती है। पार्टी जल्द ही सभी चुनावी राज्यों में संगठनात्मक समितियां बनाएगी।''
बता दें कि, वर्ष 2018 के चुनावों में, भाजपा को हिंदी पट्टी के राज्यों में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, वह मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव हार गई। हालाँकि, मध्य प्रदेश में, भाजपा सत्ता में आई, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कमल नाथ सरकार को अस्थिर करने में सक्षम रहे थे। शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाकर सरकार बनाने के लिए कई लोग भाजपा में शामिल हो गए थे। 2024 के चुनावों से पहले फोकस तीनों महत्वपूर्ण राज्यों को वापस जीतने पर है।
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