बैंगलोर: कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई को बागडौर संभाले केवल 9 माह का ही समय हुआ है, मगर एक बार फिर से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के स्थान पर CM नियुक्त किया गया था। बताया जा रहा है कि हिजाब विवाद से लेकर कॉन्ट्रैक्टर की ख़ुदकुशी तक के मामले को सही से न संभाल पाने के कारण बोम्मई को सीएम पद से हटाने पर विचार चल रहा है।
भाजपा हाई कमान का मानना है कि इन विवादों की वजह से 2023 में भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। हालांकि भाजपा के सूत्र ऐसे किसी भी नाटकीय परिवर्तन से इनकार कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आज के बेंगलुरु दौरे ने इन कयासों को और हवा दे दी है। बोम्मई के मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं तो बहुत दिनों से चल रही हैं और यह जल्दी ही किया जा सकता है। भाजपा में ताकतवर माने जाने वाले संगठन महासचिव बीएल संतोष के एक बयान ने इन अटकलों को और बल दे दिया है।
महासचिव बीएल संतोष ने एक बयान में कहा था कि भाजपा दिल्ली और गुजरात में बड़े परिवर्तन करके दिखाए थे। इससे पता चलता है कि पार्टी हाई कमान में इस बात साहस है कि राज्यों के स्तर पर पूरी लीडरशिप को ही तब्दील कर दिया जाए।
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