जयपुर: हाल ही में कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर में 91 बच्चों की मौत को लेकर कोहराम जारी है. जंहा बच्चों की मौत का मामला कोटा से लेकर दिल्ली तक पहुंचा तो बीजेपी की 3 महिला सांसद जसकौर मीणा, कांता करदम और लॉकेट चटर्जी बीते मंगलवार को अस्पताल पहुंचीं. ये तीनों सांसद जैसे ही वार्ड में पहुंचीं तो एक-एक बेड पर दो से तीन बच्चों को देखकर नाराज हो गईं. उन्होंने अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों से बात की तो दो महिलाओं ने रोते हुए बताया कि उनके बच्चों को सोमवार शाम तक जमीन पर ही सोने का स्थान दिया गया था, जबकि उन्हें निमोनिया है. मंगलवार को इन बच्चों को अन्य बच्चों के साथ बेड पर जगह दी गई.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल का दौरा करने के बाद सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत झारखंड में सरकार बनने का जश्न मनाने में जुटे हैं और खुद के प्रदेश के बच्चों की मौत हो रही है. उन्होंने कहा कि कई माताओं ने अपने बच्चों को सरकार की लापरवाही के कारण खो दिया. उन्होंने सवाल किया कि अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कहां हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते आवश्यक प्रबंध कर लेती तो इतने बच्चों की मौत नहीं होती.
हम आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि बच्चों की मौत का कारण तेज सर्दी और इंफेक्शन संभव: उधर, बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद जांच के लिए कोटा भेजे गए जयपुर के एमएमएस अस्पताल के दो विशेषज्ञ चिकित्सकों डॉ. अमरजीत मेहता और डॉ. रामबाबू शर्मा ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कह कि तेज सर्दी और ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होने के कारण इन बच्चों की मौत हुई. दोनों डॉक्टर्स ने कहा कि अस्पताल के नियो-नेटल आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइन लाइन नहीं है, यहां सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है. ऐसे में इंफेक्शन बच्चों की मौत का कारण हो सकता है. जंहा उन्हें अस्पताल प्रशासन ने बताया कि तेज सर्दी के बीच कुछ बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इसलिए ठंड भी बच्चों की मौत के कारणों में एक है.
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