पणजी : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह शनिवार की सुबह बीजेपी नेताओं और सहयोगियों से गोवा में मिले। गोवा पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। शाम को राजधानी पणजी के होटल में उन्होंने कुछ प्रोफेशनल्स, अतिथियों और उपस्थितों से चर्चा की। उन्होंने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं और उपस्थितों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कथिततौर पर गौरक्षकों व भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्याओं की घटनाऐं तो यूपीए के कार्यकाल में अधिक हुई है। एनडीए के तीन वर्ष के कार्यकाल में जो घटनाऐं हुई हैं उससे कहीं अधिक घटनाऐं एक वर्ष में यूपीए के कार्यकाल में हुई हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से बात कही जा रही है कि देश में लोगों में भय बढ़ रहा है और अपराधियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है मगर क्या आप ऐसी कोई घटना जानते हैं जिसमें गिरफ्तारी न हुई हो। देश में भय का माहौल नहीं है। उनका कहना था कि गोवा में भाजपा ने बीफ बैन नहीं किया। यहां तो 1976 से बीफ बैन है। यहां बीफ बैन करने वाली कांग्रेस है। मगर किसी से उससे इस बारे में सवाल नहीं किया। उनका कहना था कि मौजूदा समय में धरने का फैशन हो गया है। समाजवादी पार्टी के यूपी में कार्यकाल के दौरान जब हालात बिगड़े तो प्रदर्शन दिल्ली में किया गया, जबकि कानून व्यवस्था राज्य का मामला है, यूपी में तत्कालीन समय में सरकार समाजवादी पार्टी की थी लेकिन इसके बाद भी दिल्ली में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। आखिर क्या फैशन है।
उन्होंने जम्मू कश्मीर को लेकर भी चर्चा की। उनका कहना था कि कश्मीर में शांति बहाली के मामले को केवल 5 माह के आधार पर नहीं आंका जा सकता है। कश्मीर में तो 1989 से अशांति है। मगर अब यहां पर सुरक्षा बल हालात पर जल्द नियंत्रण पा लेंगे। सुरक्षाबलों पर कोई भी हमला करने की हिम्मत नहीं करेगा। अमित शाह से लोगों ने पृथक गोरखालैंड, रियल एस्टेट रेग्युलेशन, नदियों को जोड़े जाने से जुड़े सवाल किए। उन्होंने कहा कि गोरखालैंड की समस्या को तीन लोगों को हल करना होगा। एक पश्चिम बंगाल सरकार, एक केंद्र सरकार और गोरखा। उनका कहना था कि भाषा की लड़ाई के लिए किसी को जवाबदार नहीं ठहराया जा सकता है।
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