नई दिल्ली: भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता पर फिर से काबिज होने की कोशिशों में लगी हुई है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बतौर प्रभारी सूबे की सियासी नब्ज से अच्छी तरह वाकिफ हो चुके पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने दो दिवसीय यूपी दौरे पर मिशन-2022 में विपक्ष का चक्रव्यूह भी भेदने का खाका तैयार कर लिया है. दलितों के दिल में जगह बनाने लिए भाजपा ने बसपा के 'जय भीम' के जवाब में जय अंबेडकर का नारा दिया है. इसके साथ ही भगवा दल ने गांवों और दलित बस्तियों में पहुंचने के साथ-साथ स्थानीय मंदिरों में दर्शन-पूजन करने की योजना बनाई है.
पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश की यात्रा की. नड्डा रविवार को आगरा में थे जबकि उससे पहले शनिवार को उन्होंने लखनऊ में ताबड़तोड़ बैठकें कीं. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विधानसभा प्रभारियों और जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों को चुनावी टिप्स देने के बाद पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ प्रदेश के सियासी हालात को परखते रहे. मंत्रियों के साथ अलग बैठक की और सीएम योगी आदित्यनाथ और कोर कमेटी के साथ मंथन किया.
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने आगरा में जब बैठक ली, तो उन्होंने विधायकों की कमजोर नब्ज पर भी हाथ रखा. सबका साथ और सबका विश्वास के लक्ष्य से दूर खड़े विधायकों को आईना दिखाया. इससे जाहिर है कि उनके पास सटीक फीडबैक है, उसके निहितार्थ भी हैं. पिछले महीने वृंदावन में हुई सेवाभारती की तीन दिवसीय अखिल भारतीय बैठक का लब्बोलुआब यही था कि भाजपा कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों का सेवा बस्तियों यानी मलिन बस्तियों और गांवों में होने वाले कामों में अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता है.
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