मुंबई: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब शिवसेना को अपने तेवर दिखाना आरम्भ कर दिया है। भाजपा सूत्रों से पता चला है कि, शिवसेना से बात करने केंद्रीय स्तर कोई भी नेता अब मातोश्री में नही आएगा। आने वाले चुनाव के लिए गठबंधन से सम्बंधित जितनी भी बातें है, वे स्थानिय नेता यानी राज्य के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे और सीएम देवेंद्र फडणवीस ही करेंगे। शिवसेना, भाजपा के साथ सत्ता में होते हुए भी, निरंतर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमला कर रही है। यह अब भाजपा को अखरने लगा है।
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गत कई दिनों से दोनों पार्टियों के बीच खुली बयानबाजी तो नहीं हुई है, किन्तु परदे के पीछे गठबंधन की राजनीति चल रही है। इसके बाद भी शिवसेना का भाजपा को परेशान करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। आए दिन शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी, सीएम फडणवीस, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार के खिलाफ लेख लिखे जा रहे हैं। जिससे भाजपा के सियासी हलकों में नाराजगी है।
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उल्लेखनीय है कि शिवसेना-भाजपा 1995 में पहली बार हिंदुत्व के मुद्दे पर एक साथ आई थी और सरकार बनाई थी। उस वक्त भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे की जोड़ी ने शिवसेना के साथ मिलकर भाजपा को सत्ता के तख़्त तक पहुंचाया था। उसके बाद से चुनाव के आते ही भाजपा के नेता मातोश्री पहुंचकर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से मिलते थे और फिर गठबंधन की घोषणा होती थी। पिछले वर्ष तक यहीं हो रहा था। लेकिन जब से पिछले चुनाव में शिवसेना, भाजपा से अलग होकर लड़ी है, तब से दोनों पार्टियों में दरार आ गई है।
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