भले ही बीजेपी ने वर्ष 2017 में यूपी, गुजरात जैसे बड़े राज्य जीत लिए हों ,लेकिन इस साल भी बीजेपी की चुनौतियां कम नहीं हैं. कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में इस साल के अंत तक ये चुनाव होंगे और इन चुनावों के ठीक बाद यानी 2019 में लोकसभा चुनाव होंगे जो केंद्र सरकार की सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा होगी . लेकिन मोदी सरकार ने इस चुनाव में जीत के लिए मारक और चमत्कारिक संजीवनी खोज ली है, जिसके बल पर पीएम मोदी फिर चुनाव जीत सकते है.
जी हाँ हम बात कर रहे सामाजिक सुरक्षा योजना की. इसके तहत गैर संगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को लाभ दिया जाएगा .इस योजना के 2018 के अंत तक शुरू होने की आशा है. इस योजना में उन मजदूरों को लाभ मिलेगा जो EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) और ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) के दायरे में नहीं आते हैं.गैर संगठित क्षेत्र में काम करने वाले इन मजदूरों को अनिवार्य पेंशन, विकलांगता और मृत्यु का बीमा दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें मेडिकल और मैटरनिटी कवरेज के साथ ही बेरोजगारी में भत्ते की भी व्यवस्था भी की जाएगी.इन मजदूरों की कंपनी आधा पैसा देंगी और आधा पैसा सरकारें देंगी.
नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन द्वारा 2011-12 में किये सर्वे के अनुसार देश के 47.41 करोड़ कर्मचारियों में से 39.14 करोड़ यानी करीब 83% गैर संगठित क्षेत्र में काम करते हैं. इनको पीएफ और ईएसआई जैसी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती थी. पर ये नई योजना इनको आर्थिक मजबूती प्रदान करेगी .अगर ये योजना लागू हो गई तो बीजेपी को आगामी चुनावों में इसका लाभ मिलेगा,क्योंकि ऐसे करीब 39 करोड़ से ज्यादा लोग हैं, जिन्हें सामाजिक सुरक्षा मिलेगी. फ़िलहाल तो ये योजना विचाराधीन है.
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