नई दिल्ली: छठ पूजा का चार दिवसीय व्रत 28 अक्टूबर से आरंभ हो चुका है। इस पर्व के पहले दिन को ‘नहाय-खाय’ कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान कर सात्विक भोजन करते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस दफा कोरोना काल के बाद पहली बार छठ सार्वजनिक रूप से मनाए जाने के लिए सरकारी ऐलान किया गया है। इसके तहत घाटों को तैयार किया जा रहा है। इस बीच यमुना में प्रदूषण का मुद्दा एक बार फिर उठ खड़ा हुआ है। यमुना नदी में प्रदूषण और झाग भक्तों के लिए परेशानी का सबब है। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) झाग हटाने के लिए केमिकल का छिडकाव करा रहा है। इस पर भी सियासत शुरू हो चुकी है।
बता दें कि DJB, दिल्ली सरकार के अधीन आता है। केमिकल छिड़क कर झाग को हटाने के अभियान पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के विरोधी कह रहे हैं कि अरविंंद केजरीवाल सरकार यमुना में जहरीले रसायन का छिड़काव करवा रही है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने गुरुवार को दिल्ली सरकार पर छठ पूजा से पहले यमुना से झाग निकालने के लिए जहरीला रसायन छिड़कने का इल्जाम लगाया था। वहीं, AAP ने इसे गलत बताया है।
बता दें कि, DJB के चेयरमैन, AAP के ही नेता सौरभ भारद्वाज हैं। उन्होंने भाजपा के आरोपों पर कहा है कि भाजपा नेताओं को विज्ञान और तकनीक की कुछ जानकारी ले लेनी चाहिए। दिल्ली जल बोर्ड ने एक महीने से ज्यादा समय पहले यमुना में झाग कम करने की तैयारी शुरू कर दी थी, ताकि श्रद्धालु, छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा कर सकें। भारद्वाज ने कहा कि बाद में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने भी यमुना में झाग को रोकने के लिए DJB द्वारा अपनाए गए समान कदमों की सिफारिश की है।
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