नई दिल्ली: पंजाब और दिल्ली के बाद अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी (AAP) के बढ़ती ताकत से भाजपा चिंतित दिखाई दे रही है। खबर है कि भाजपा ने अपनी प्रदेश इकाइयों से रणनीति तैयार करने के लिए कहा है, जिसके माध्यम से AAP को कांग्रेस के स्थान पर मुख्य विपक्षी दल बनने से रोका जा सके। हाल ही में पंजाब में प्रचंड जीत के बाद AAP गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव की तैयारियों में लग गई है। दोनों राज्यों में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया है कि सभी भाजपा इकाइयों से कहा गया है कि AAP को संगठन मजबूत करने नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि, 'राज्य इकाइयों से AAP ऐसे नेताओं को शामिल करने के लिए कहा गया है, जो बिना किसी शर्त के भाजपा में आने को राजी हों।' बता दें कि चुनावी राज्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश के अलावा AAP कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान पर भी फोकस कर रही है। कर्नाटक के साथ उक्त सभी राज्यों में भाजपा, कांग्रेस की सीधी प्रतिद्विंदी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि, 'गुजरात में हाल ही में विभिन्न स्तर पर बैठें 500 से अधिक AAP नेताओं ने भाजपा का हाथ थमा है। उत्तराखंड में AAP के CM फेस और अन्य लोग भाजपा में शामिल हो गए। चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश और गुजरात या उत्तराखंड में AAP के वरिष्ठ नेताओं को शामिल करने भाजपा ने पंजाब में जीत के बाद अन्य राज्यों में विस्तार करने की योजना को झटका दिया है।'
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