नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा वीवीआईपी कल्चर को समाप्त करने के लिए वाहनों से लालबत्ती हटाने का निर्णय लिया गया। भाजपा के खेमे में इसका पालन होते नज़र आ रहा है। कई मंत्रियों ने अपने वाहनों से बत्ती हटा ली है। भारतीय जनता पार्टी के कई नेता और मुख्यमंत्रियों ने अपने वाहन से लालबत्ती हटाने के निर्णय का तुरंत पालन किया है। इन नेताओं में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा भी अपने वाहन से लालबत्ती हटवा चुके हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पहले ही अपने वाहन से लालबत्ती हटा चुके हैं। सीपीएम नेता वृंदा करात ने इस तरह के प्रयास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। उनका कहना था कि लालबत्ती के वाहनों से हटने के बाद भी परेशानी वैसी ही रहेगी। यदि लालबत्ती मानसिक तौर पर नहीं हटाई जाती है तो फिर इसका लाभ नहीं होगा।
हालांकि केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि ऐतिहासिक निर्णय में कैबिनेट ने आपातकालीन सेवा को छोड़कर विभिन्न वाहनों से बीकन बत्तियां हटाने का निश्चय किया। उन्होंने इस संबंध में बनाए गए नियमों में संशोधन की बात कही। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद आपातकालीन सेवाओं पुलिस और सेना के अधिकारियों के वाहन पर ही नीली बत्ती लगी रहेगी।
गौरतलब है कि वाहनों से लाल बत्ती और अन्य स्तरों की बत्तियां हटाने को लेकर पहले भी बहस होती रही है और न्यायालय द्वारा वर्ष 2014 में लालबत्ती को एक स्तर का प्रतीक कहा गया था और कहा था कि जो लोग संवैधानिक पद पर हैं और जो आपातकालीन सेवाऐं हैं उन्हें छोड़कर किसी और वाहन पर इस तरह की सुविधा देने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को इस तरह की श्रेणी में कटौती करने की बात कही थी। अब सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके लिए केंद्र सरकार 1998 के मोटर वाहन नियम में संशोधन करेगी।
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