चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा चुनावों को देखते हुए जनता को लुभाने और DMK को पटखनी देने के लिए AIDMK ने रविवार को भारी भरकरम चुनावी वादों वाला घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी के बाकी वादों से पहले उस वादे पर बात करना आवश्यक है, जिसने उसकी सहयोगी पार्टी भाजपा कजी बेचैनी बढ़ा दी है। दरअसल, AIDMK ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा है कि वह अपने सहयोगी दल भाजपा को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को निरस्त करने का आग्रह करेगी।
AIADMK के इस वादे को अल्पसंख्यों के वोट हथियाने का चुनावी पैंतरा समझा जा रहा है। वहीं उनके इस वादे ने CAA को पारित करने के लिए जिम्मेदार भाजपा का सिरदर्द बढ़ा दिया है। AIADMK द्वारा रविवार को जारी 163 बिंदुओं के मैनिफेस्टो में उनका यह वादा सबसे अधिक चर्चा का विषय बन गया है। वहीं, AIADMK की मुख्य विरोधी पार्टी DMK चीफ एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी भारत में शरणार्थी शिविरों में रहने वाले श्रीलंकाई तमिलों पर विवादास्पद CAA कानून को निरस्त करने और उन्हें नागरिकता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करती रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि जिलाधिकारी के शुरुआत से ही इस विवादास्पद कानून के खिलाफ रही है। इसको लेकर पार्टी ने राज्य में अभियान भी चलाया था और इस कानून को निरस्त करने के पक्ष में 1 करोड़ लोगों के दस्तखत भी लिए थे।
वहीं, CAA को लेकर हो रही आलोचना को भाजपा पचा नहीं पा रही है। भाजपा के महासचिव सीटी रवि ने इसको लेकर कहा कि, 'CAA को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। DMK प्रमुख स्टालिन कहते हैं कि वह CAA को लेकर अपनी जंग जारी रखेंगे। आखिर स्टालिन CAA का विरोध क्यों कर रहे हैं जबकि यह कानून पाकिस्तान और अन्य देशों के उत्पीड़ित हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों को नागरिकता देगा।
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