झारखंड में अपनी पकड़ मजबूत कर रही भाजपा, हेमंत सोरेन के लिए बनी चुनौती

झारखंड में अपनी पकड़ मजबूत कर रही भाजपा, हेमंत सोरेन के लिए बनी चुनौती
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झारखंड में चुनावी हलचल तेज है, भाजपा हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार के खिलाफ अपने राजनीतिक दिग्गजों को मैदान में उतार रही है। भाजपा के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मैदान संभाले हुए है।

झारखंड के इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी शक्ति राज्य के कई दिग्गज नेताओं का उनके पाले में होना है। भाजपा में बाबूलाल मरांडी, अमर बाउरी, अर्जुन मुंडा, बिद्युत बरन महतो, दीपक प्रकाश, मनीष जायसवाल, ढुल्लू महतो और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन जैसे कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए है।

भाजपा अपना पलड़ा भारी रखते हुए जेएमएम सरकार पर लगातार निशाने साध रही है। भाजपा का उद्देश्य है की आगामी चुनावों से पहले अपने समर्थकों को संगठित कर सके और समर्थन अपना सके।

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए भाजपा का चुनावी अभियान जारी है। सोरेन की झामुमो सरकार प्रदेश में उच्च बेरोजगारी, अवरूद्ध बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है।

हेमंत सोरेन की सरकार को कभी आदिवासी की प्रगति के लिए प्रचारित किया जाता था। लेकिन अब अक्षमता और कुप्रबंधन में फंसता दिखाई दे रहा है। माना जाता है की हेमंत सोरेन की सरकार ने उम्मीदों से कम काम किया है।

अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने के लिए झामुमो सरकार की भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने आलोचना की है। बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे जैसे कई मुद्दों को उठाया है।

जमीनी स्तर पर भाजपा खुदको मजबूत करने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही। मतदाताओं से सीधे जुड़ने के लिए कार्यकर्ता जिलों में रैलियां और बैठकें कर रहे है। भाजपा का उद्देश्य एक मजबूत समर्थन आधार बनाना है जो झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार को चुनौती दे सके।

भाजपा इस चुनाव में सोशल मीडिया के माध्यम से जेएमएम का सामना कर रही है। डिजिटल के माध्यम से भाजपा जनता और समर्थकों को प्रेरित करने कर रही है। ऑनलाइन अभियान के जरिए भाजपा वर्तमान सरकार की विफलताओं उजागर करने का प्रयास कर रही है।

पूर्व जेएमएम नेता और कभी शिबू सोरेन के भरोसेमंद सहयोगी रहे पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन भी भाजपा का दामन थाम चुके है। इसके साथ ही भाजपा की रणनीति ने जोर पकड़ लिया है। कोल्हान क्षेत्र में चम्पाई को आदिवासी समुदाय का अच्छा खासा समर्थन हासिल है।

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