जयपुर: राजस्थान, भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी जंग का अखाडा बनता जा रहा है। कांग्रेस ने जहाँ 15 मई से उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर (विचार-मंथन सत्र) आयोजित करने का प्लान बनाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 20 मई से जयपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक करने वाली है। राजस्थान भाजपा इकाई को निर्देश दिए गए हैं कि बैठक के लिए जयपुर में जगह तय करें।
बता दें कि हाल के सालों में यह पहली बार है जब भाजपा किसी विपक्षी शासित राज्य में इतनी बड़ी बैठक करने जा रही है। आने वाले दो वर्षों में जिन छह राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इससे राजस्थान में भाजपा की यह बैठक बाद बेहद अहम हो जाती है। सूबे में भाजपा राज्य के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव और सरकार की नाकामी को लेकर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर लगातार निशाना साधती रही है।
भाजपा अपनी विजयी दौड़ को बनाए रखना चाहती है जो गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे आसपास के अन्य राज्यों के चुनावों पर असर डाल सकती है। चूंकि यह पार्टी पदाधिकारियों की बैठक है, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी इसे वर्चुअल जरिए दिल्ली से संबोधित करेंगे। चुनाव में जाने वाले पार्टी के राज्यों के प्रभारियों को एक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है और बैठक में आगे की कार्रवाई के लिए विस्तृत योजना पर चर्चा की जानी है।
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