नई दिल्ली: कोरोना महामारी के काल में बढ़े हुए बिजली के फिक्स्ड चार्ज के खिलाफ भाजपा ने सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है. दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन मालवीय नगर के सामने भाजपा ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. यहां पर भाजपा के 50 कार्यकर्ता इकठ्ठा होंगे. दिल्ली की 70 विधानसभाओं में ये विरोध प्रदर्शन होगा. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 25 कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे.
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने बताया है कि फिक्स चार्ज को खपत के साथ जोड़कर देखना चाहिए. जब लॉकडाउन में बिजली का इस्तेमाल ही नहीं हुआ तो फिर चार्ज का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली सरकार को भी छूट देनी चाहिए. नॉर्थ दिल्ली स्थायी समिति के डिप्टी चेयरमैन विजेंद्र यादव ने कहा है कि बवाना में माइक्रो इंडस्ट्री हैं जो MSME से भी छोटी हैं. बिना सरकारी छूट के कारखानों को चारों ओर से टैक्स की मार पड़ रही है. पहले लॉकडाउन फिर मजदूरों के चले जाने और अब फिक्सड चार्ज ने कारोबार को घुटनों पर ला दिया है.
उद्यमी तजिंदर सिंह ने कहा कि इंडस्ट्री के लिए मजदुर बहुत आवश्यक है. उनको ये भी लग रहा है कि मजदुर अब 6 महीने तक वापस नहीं लौटने वाले. ऐसे में बगैर सरकारी रियायत के फैक्ट्री मालिक टैक्स की मार झेलने के लिए विवश हैं. कारोबारियों को बवाना में मेंटेनेंस टैक्स, वाटर टैक्स, सीवर टैक्स, लीज कमर्शियल हाउस टैक्स, NDPL का फिक्स चार्ज देना पड़ रहा है.
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