लखनऊ: अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को टाले जाने पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने आंतरिक सर्वे में हार का अंदेशा था, इसलिए उन्होंने चुनाव को टाल दिया। अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा, जो जंग में उतरने से पहले ही हार मान चुकी थी, अब अपनी साख बचाने के लिए कोर्ट का सहारा ले रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने मिल्कीपुर सीट पर चुनाव जीतने के लिए पिछड़े और दलित बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को पहले हटाया और फिर सर्वे कराया। मुख्यमंत्री ने खुद प्रशासनिक अधिकारियों से इंटेलिजेंस रिपोर्ट लेकर स्थिति का जायजा लिया। लेकिन जब उन्हें यकीन हो गया कि वे चुनाव हार सकते हैं, तो उन्होंने चुनाव को टालने का फैसला लिया। अखिलेश ने चुनौती दी कि अगर दो दिनों के अंदर भाजपा कोर्ट से अपनी याचिका वापस नहीं लेती, तो मिल्कीपुर में चुनाव नहीं हो पाएगा। उन्होंने कोर्ट से भी अपील की कि वे इस मामले में जल्द फैसला करें। मिल्कीपुर सीट पर सपा ने 2022 में जीत हासिल की थी, लेकिन जब विधायक अवधेश प्रसाद को 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या से सांसद चुना गया, तो उन्होंने मिल्कीपुर की विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। सपा ने इस सीट पर अब अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, अजीत प्रसाद पर हाल ही में मारपीट और फिरौती के आरोप में केस दर्ज हुआ है।
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की योजना थी, जिनमें करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर), फूलपुर (प्रयागराज), कटेहरी (अंबेडकरनगर), मझवां (मिर्जापुर), मिल्कीपुर (अयोध्या), गाजियाबाद सदर, खैर (अलीगढ़), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं। फिलहाल 9 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है, जबकि मिल्कीपुर पर अभी तारीख घोषित नहीं हुई है। यूपी की नौ सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
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