हैदराबाद: मुसलमानों के लिए आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया है कि भाजपा निकट भविष्य में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए आरक्षण को पूरी तरह से खत्म करने की योजना बना रही है। रेवंत रेड्डी ने दावा किया कि भाजपा अपने वैचारिक गुरु, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष, 2025 तक आरक्षण खत्म कर देगी।
कांग्रेस नेता ने आज गुरुवार को एक सार्वजनिक बैठक में कहा, "2025 तक, RSS 100 साल पूरे कर लेगा। वे 2025 तक एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार, आरएसएस और भाजपा नेताओं ने आरक्षण के बारे में टिप्पणी की है।" उन्होंने बताया कि भाजपा ने पहले मंडल आयोग की रिपोर्ट के कार्यान्वयन को रोक दिया था, जिसमें पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लिए आरक्षण का प्रस्ताव था। रेड्डी ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा का 'अबकी बार 400 पार' का लक्ष्य लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतना था ताकि एससी, एसटी और बीसी समुदायों के लिए कोटा खत्म करने के लिए संसद में संख्या हासिल की जा सके।
उन्होंने कहा, "कुछ लोग भाजपा का समर्थन कर रहे हैं, जो आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है। ये लोकसभा चुनाव एससी, एसटी, बीसी आरक्षण पर एक जनमत संग्रह है।" रेड्डी का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान की गई टिप्पणी के बाद आया है, जहां उन्होंने आरक्षण पर कांग्रेस पार्टी के रुख की आलोचना की थी। पीएम मोदी ने रेवंत रेड्डी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा था कि "तेलंगाना के कांग्रेसी मुख्यमंत्री" "मुसलमानों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करेंगे"।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में मुसलमानों को इस श्रेणी में शामिल करने का हवाला देते हुए ओबीसी के लिए आरक्षण को कम करने के खिलाफ चेतावनी दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण नीतियों का राजनीतिकरण करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस एससी/एसटी/ओबीसी से आरक्षण छीनना चाहती है और इसे अपने विशेष वोट बैंक को देना चाहती है।" उन्होंने कहा, ''कांग्रेस की यह कार्रवाई पूरे देश के ओबीसी समुदाय के लिए खतरे की घंटी है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने स्पष्ट रूप से तय किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
बता दें कि, हाल ही में पिछड़ा आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के सभी मुस्लिमों को पिछड़ा मानते हुए OBC की श्रेणी में डाल दिया है और उन्हें आरक्षण दे रही है। पिछड़ा आयोग ने दावा किया है कि, ये संविधान के हिसाब से गलत है और इससे पिछड़ों का हक़ मारा जा रहा है। बता दें कि, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने मुस्लिमों को OBC कोटे में से 4 फीसद आरक्षण दे रखा है, साथ ही अल्पसंख्यक होने के नाते उन्हें दूसरे लाभ भी दिए जाते हैं । जबकि हिन्दू OBC को केवल आरक्षण ही मिलता है, क्योंकि वे तो बहुसंख्यक हैं, जिनका कोटा कांग्रेस ने कम कर दिया है।
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