नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर रही है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बगावत का सामना कर चुकी बीजेपी ने अब झारखंड में ऐसी स्थिति से बचने के लिए रणनीति तैयार की है। पार्टी की योजना है कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया इतनी मजबूत हो कि बगावत की कोई गुंजाइश ही नहीं रहनी चाहिए।
कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर होगा उम्मीदवार चयन: बीजेपी ने उम्मीदवारों का चयन कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर करने का फैसला किया है। हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के मध्य वोटिंग करवाई जाने वाली है। इस प्रक्रिया के तहत हर सीट से तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया जाएगा, जिसे दिल्ली भेजा जाएगा। वहां पार्टी के बड़े नेता इन नामों पर अंतिम फैसला लेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी ने प्रदेश में इस रायशुमारी की प्रक्रिया बुधवार से शुरू कर दी है।
हर सीट पर दो पर्यवेक्षक होंगे तैनात: झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से हर सीट पर दो पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी तय की गई है। ये पर्यवेक्षक अपने-अपने क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे और इसकी रिपोर्ट राज्य कार्यालय को सौंपेंगे। इसके बाद यह रिपोर्ट दिल्ली भेजी जाएगी, जहां उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। इस प्रक्रिया को शांति और सूझ-बूझ से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएल संतोष की झारखंड नेताओं के साथ बैठक: उम्मीदवारों के चयन की इस प्रक्रिया को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने बुधवार को झारखंड के नेताओं के साथ दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य झारखंड चुनाव के लिए रणनीति तैयार करना था।
प्रधानमंत्री मोदी की 15 सितंबर को झारखंड में जनसभा: बीजेपी की चुनावी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को झारखंड में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह 21 सितंबर को झारखंड में परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। बीजेपी की इस योजना का मकसद है कि झारखंड में होने वाले चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह से कार्यकर्ताओं की राय पर आधारित हो, ताकि किसी प्रकार की अंदरूनी बगावत की संभावना न रहे।
अपने बालों और चेहरे को आप भी बनाना चाहती है चमकदार तो अपनाएं ये टिप्स
केजरीवाल को कोर्ट से झटका, AAP नेता दुर्गेश पाठक को मिली राहत
AAP ने जारी की चौथी लिस्ट, जानिए किन्हें, कहां से बनाया उम्मीदवार?