अहमदाबाद: एक महीने के भीतर देश के तीसरे राज्य में निकाय चुनाव के परिणाम आए हैं। पहले हरियाणा, फिर पंजाब और अब गुजरात। किसान आंदोलनों की आंच के बीच हरियाणा और पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जनता का गुस्सा झेलना पड़ा। वहीं, अपने गढ़ गुजरात में भाजपा ने फिर जबरदस्त सफलता हासिल की है।
गुजरात में जिन छह नगर निगमों में चुनाव हुए थे, उन सभी पर भाजपा ने अपनी पकड़ बरकरार रखी है। अहमदाबाद, सूरत, भावनगर, जामनगर, राजकोट और वडोदरा में उसका मेयर पक्का है। इस चुनाव से सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है। बता दें कि गुजरात नगर निकाय चुनाव के परिणामों के लिए वोटों की गिनती जारी है। नतीजों में भाजपा अब तक 40 सीटों पर कब्जा जमा चुकी है, जबकि कांग्रेस के खाते में सात सीटें गई हैं।
चुनाव के परिणामों से एक बात पत्थर की लकीर की तरह सपष्ट है कि गुजरात, भाजपा का अभेद किला है और फिलहाल इस किले में सेंध लगाने वाला दूर-दूर तक कोई दिख नहीं रहा। हालांकि यह चुनाव स्थानीय मुद्दे पर होते हैं। किन्तु पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृहराज्य की वजह से हर चुनाव पर सबकी निगाह रहती है। नतीजों से स्पष्ट है कि गुजरात में भाजपा का तिलिस्म तोड़ पाना फिलहाल किसी विपक्षी दल के बूते की बात नहीं है।
एनजीटी ने एनटीपीसी पावर प्लांट को दिया ये आदेश
अब 'ऑयल-टू-केमीकल्स' कारोबार में कदम रखेगी रिलायंस, मुकेश अंबानी ने किया बड़ा ऐलान