नईदिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर को होगा। जिसके बाद दूसरे चरण का मतदान 14 दिसंबर को होगा। इसके पूर्व राज्य में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही अपने व्यापक प्रचार - प्रसार में लगी हुई हैं, हालांकि जातिगत और चुनावी समीकरणों की बात की जाए तो, कांग्रेस का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है। कांग्रेस ने ओबीसी नेता राकेश ठाकोर को अपनी ओर किया है तो, दूसरी ओर कांग्रेस को पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेताओं का साथ मिला है।
कांग्रेस विकास पागल हो गया है, का नारा लेकर मैदान में है तो, भारतीय जनता पार्टी केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार और विकास के मायनों में पिछड़ने का आरोप लगा रही है। नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी पर कभी सोमनाथ मंदिर में दर्शन को लेकर, राजनीतिक वार करने में लगे रहते हैं, तो कभी कांग्रेस की भीतरी चुनाव प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हैं।
हालांकि चुनाव पूर्व, कुछ संस्थाओं ने ओपिनियन पोल किए हैं। जो, संभावित रूझान सामने आए हैं उनके अनुसार, गुजरात में सत्ता में भाजपा की ही वापसी हो सकती है। हालांकि, उसे महज 95 सीटें मिलेंगी और दावे किए जा रहे हैं कि, कांग्रेस 82 सीटों के साथ विधानसभा में होगी। सीटों के आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो फिर भाजपा की जीत अधिक बड़ी नहीं होगी।
कहा तो यह भी जा रहा है कि, अब मोदी मेनिया का जादू कुछ धीमा हो गया है और यह बेअसर भी हो रहा है। ओपिनियन पोल से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को 43.43 प्रतिशत मतद प्राप्त हो सकते हैं, दूसरी ओर, 14 प्रतिशत मत दूसरों के खाते में जमा करवाए जा सकते हैं।
ओपनियन पोल के अनुसार, गुजरात चुनाव में प्रचार - प्रसार में यह देखने में आया है कि, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की लोकप्रियता में भी कमी आई है। माना जा रहा है कि, हार्दिक को लेकर आई सीडी और उन पर लगे आरोपों का असर उनकी लोकप्रियता पर हुआ है हालांकि पाटीदार नेता इसे नकारने में लगे हैं।
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