दिल्ली पुलिस के सशस्त्र बलों ने जनवरी में जहांगीरपुरी इलाके से आतंकी जगजीत सिंह, और नौशाद को गिरफ्तार किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने दोनों आतंकियों के सवाल-जवाब से बहुत सारे सबूतों को बरामद किया है। इन गिरोहगरों का उद्देश्य भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाना था, जो पाकिस्तान में बैठे 'बुजुर्ग' आतंकवादियों को प्रसन्न करने के लिए काम कर रहे थे। इसके अलावा, ISI इन आतंकवादियों की मदद से दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में BJP-RSS के नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रही थी।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसके अनुसार कनाडा में मौजूद खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकी अर्शदीप, जिसे डल्ला भी कहा जाता है, और पाकिस्तान में मौजूद लश्कर-ए तैयबा के आतंकी सुहैल मलिक मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। अर्शदीप ने गिरफ्तार किये गए जगजीत को पंजाब में राइट विंग नेता की हत्या का टास्क दिया था। इस सूची में उन नामों में शामिल हैं, जो खालिस्तान के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलते हैं। साथ ही, सुहैल ने गिरफ्तार किए गए नौशाद को दिल्ली-एनसीआर में BJP-RSS के नेताओं और संतों को निशाना बनाने का काम सौंपा था।
जगजीत और नौशाद ने दिल्ली में एक हिंदू युवक, जिसे राजकुमार नाम दिया गया था, की गला काटकर एक वीडियो बनाया और इसे पाकिस्तान और कनाडा में भेजा। हत्या के बाद, दोनों आपस में चैट करते हुए उच्चारण किया, "बुजुर्गों को यह काम बहुत पसंद आएगा। जजाक अल्लाह, हमने हलाल कर दिया है। इंशाअल्लाह, काम पसंद आएगा।"
दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने आतंकवादियों के मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें नौशाद के लश्कर-ए-तैयबा के साथ चैट मिली। पाकिस्तान में रह रहे आतंकी नौशाद ने लगातार कहा कि उसका काम बुजुर्गों को खुश करना है और विशेष टीम ने "बुजुर्ग" कोड की जांच की, जिससे पता चला कि बुजुर्ग कोई और नहीं बल्कि लश्कर और ISI के वरिष्ठ अधिकारी हैं।
अर्शदीप डल्ला, जो पंजाब का एक गैंगस्टर है, जो भारत से फरार होकर कनाडा में छिपे हैं, और खालिस्तान टाइगर फोर्स संगठन के लिए काम कर रहे हैं, भारत सरकार द्वारा निर्धारित आतंकवादी के रूप में घोषित किया गया है। वहीं, लश्कर के आतंकी सुहैल ने कश्मीर में कई बड़े आतंकी हमलों को कारगर बनाया है।
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