जयपुर: मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति में भाजपा के हालिया फैसलों से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री बनने की अटकलें तेज हो गई हैं। यह कदम छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में आश्चर्यजनक चयनों के मद्देनजर आया है, जहां अन्य प्रमुख नेताओं की उम्मीदों से हटकर क्रमशः आदिवासी नेता विष्णु देव साय और तीन बार के विधायक मोहन यादव को नियुक्त किया गया है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय जैसे बड़े नामों के बावजूद पार्टी ने तीन बार के विधायक मोहन यादव को सीएम बनाया है।
पिछड़े वर्ग (ओबीसी) से आने वाले मोहन यादव को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया, जो जातिगत संतुलन बनाए रखने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पार्टी ने राजपूत (उच्च जाति) नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त करके जाति समीकरण को भी संबोधित किया। ओबीसी समुदाय को मुख्यमंत्री मोहन यादव में प्रतिनिधित्व मिला, जबकि डिप्टी सीएम का पद राजेंद्र शुक्ला (ब्राह्मण) और जगदीश देवड़ा (दलित) को सौंपा गया, जिससे विविध प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ। इन हालिया रुझानों को देखते हुए ऐसी अटकलें हैं कि दलित समुदाय (एससी) से आने वाले अर्जुन राम मेघवाल के नाम पर राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा सकता है।
अर्जुन राम मेघवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वसनीय भी माना जाता है, इससे अटकलें और भी जोर पकड़ रहीं हैं। भाजपा के इस संभावित कदम का उद्देश्य जातिगत अंतर को पाटना और समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व प्रदान करना है। चुनाव में भाग नहीं लेने के बावजूद मेघवाल का नाम नेतृत्व की भूमिकाओं को लेकर चर्चा में आया है। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों में वसुंधरा राजे, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हैं। राजस्थान में भाजपा के फैसले की घोषणा 12 दिसंबर को की जाएगी, इस पर बारीकी से नजर रखी जाएगी कि पार्टी राज्य में अपने नेतृत्व विकल्पों और जातिगत विचारों को कैसे आगे बढ़ाती है।
MP में भाजपा ने साधे जातिगत समीकरण ! OBC सीएम, दलित और ब्राह्मण डिप्टी सीएम, राजपूत विधानसभा अध्यक्ष
'करोड़ों हिन्दुओं का सपना पूरा हुआ..', अयोध्या राम मंदिर को लेकर BRS नेता के कविता ने दिया बड़ा बयान