नई दिल्ली : सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि विदेशों में काला धन रखने वालों को स्वयं होकर इसकी जानकारी देने और नियमानुसार कर चुकाने के लिए सरकार 2 माह की छूट दे सकती है। लेकिन इस अवधि के बाद इस प्रकार की अघोषित संपत्ति रखने वालों पर कड़ा जुर्माना लगेगा और आपराधिक मुकद्दमा चलाया जा सकता है। ऐसी मोहलत दिये जाने की चर्चा तो काफी समय से थी किन्तु अब सूत्रों ने बताया है कि ‘विदेशों में रखी अघोषित संपत्ति या आय पर कर चुकाने के लिये मोहलत तो दी जाएगी, लेकिन वह काफी कम रह सकती है। जो व्यक्ति इस एक-बार ही दी जा रही सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं उनके लिये और कर अधिकारियों द्वारा इस प्रकार के मामलों का निरीक्षण करने के लिये 2 माह की अवधि दिये जाने पर विचार किया जा रहा है’।
सूत्रों के मुताबिक इस एकबारगी सुविधा के लिए समय सीमा को यथा-संभव कम रखने का विचार इसलिए किया गया है कि ऐसे मामलों के रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि इसका लाभ उठाने वालों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं होगी । सूत्रों ने यह भी कहा कि इस सुविधा की अधिसूचना चालू महीने के अंत में या जुलाई के शुरू में घोषित कर दी जाएगी। 'केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों की एक टीम प्रस्तावित ‘अनुपालन खिड़की’ के मसौदे पर भी काम कर रही है। राजस्व विभाग द्वारा इस व्यस्था की जांच-परख करने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए वित्त मंत्री कार्यालय को भेज दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि विदेशों में रखे कालेधन से जुड़ा कानून “अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्तियां करारोपण और कर कानून 2015”1 अप्रैल 2016 से लागू होगा ।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा था कि जिन लोगों के पास विदेशों में अघोषित संपत्ति है और वह उस पर 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत की दर से जुर्माना देकर अपनी स्थिति साफ करना चाहते हों उनके लिए सीमित अवधि की अनुपालन सुविधा का प्रावधान किया जायेगा । किन्तु इस पेशकश की अवधि समाप्त होने के बाद यदि किसी की विदेशों में अघोषित संपत्ति पाई जाती है तो उसे उस धन-संपत्ति पर 30 प्रतिशत कर चुकाने के साथ साथ 90 प्रतिशत तक जुर्माना देना होगा और आपराधिक अभियोजन का सामना करना होगा । विदेशों में रखे कालेधन से सम्बंधित यह कानून केवल उन विदेशी खातों पर लागू नहीं होगा, जिनमें 5 रुपये अथवा इससे कम की राशि होगी।