नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने देश और विदेश में भारतीयों के पास कालेधन की मात्रा के संदर्भ में उसके पास तीन साल पहले जमा कराई गई रिपोर्ट को साझा करने से इंकार कर दिया है. मंत्रालय का स्पष्ट मत है कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला होगा. गौरतलब है कि ये रपटें पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा पांच साल पहले कराए गए अध्ययनों से संबंधित हैं. यह अध्ययन दिल्ली के राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी), नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) तथा राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम), फरीदाबाद ने किये थे.
इस बारे में सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में मंत्रालय ने कहा कि सरकार फिलहाल इन रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है.मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में कहा आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8(1) (सी) के तहत इस बारे में सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है.
अभी यह जाँच प्रक्रिया में है.इसे संसद की स्थायी समिति के जरिये अभी संसद को नहीं भेजा गया है.ऐसे में मांगी गई सूचना का जवाब देना विशेषाधिकार के हनन का मामला होता.