नई दिल्ली / मुम्बई : काले धन पर नकेल कसने के लिए अब आयकर विभाग ने बचत बैंक खातों में नोटबंदी से पूर्व जमा राशि की कुंडली खंगालने का फैसला किया है.इसके लिए आयकर विभाग ने बैंकों और डाकघरों से एक अप्रैल से नौ नवंबर, 2016 के बीच सभी बचत खातों में नकदी जमा की रिपोर्ट मांगी है. इसका उद्देश्य नोटबंदी के बाद (आठ नवबंर से लेकर 30 दिसंबर) तय सीमा से ज्यादा रकम जमा की जाँच करना है.
दरअसल आयकर विभाग की इस मशक्कत का मतलब खाताधारक के इतिहास को खंगालना है. इससे इस बात की तस्दीक हो सकेगी कि जमाकर्ता ने पुराने नोट के रूप में काला धन तो खाते में जमा नहीं कराया या फिर किसी ने उसके खाते का दुरुपयोग तो नहीं किया. यही नहीं सरकार ने टैक्स चोरी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बैंकों को खाताधारकों से पैन या फार्म 60 (जिनके पास पैन नहीं)लेने को कहा गया है. लेन-देन के सभी रिकार्ड को रखने को भी कहा है.इसके अलावा सभी केंद्रीय उत्पाद शुल्क दाताओं और सेवा कर दाताओं के लिए पैन रखना भी अनिवार्य कर दिया गया है.
काले धन को लेकर नोटबंदी के बाद करीब 15 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग प्रणाली में लौट आने के बाद आयकर विभाग कुछ वैश्विक कर सलाहकारों के साथ बैंकों के डेटा का फॉरेंसिक ऑडिट कराने पर विचार कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं बैंकों में मनी-लॉन्ड्रिंग का पैसा तो नहीं पहुंच गया है. नोटबंदी के बाद 60 लाख लोगों और कंपनियों ने करीब सात लाख करोड़ रुपये खातों में पुराने नोटों में जमा कराये हैं.