बीजिंग। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर ही तिब्बती शरणार्थी दलाई लामा की मदद का आरोप लगा है। सत्तारूढ़ दल पर आरोप लगा है कि इस दल ने दलाई लामा को दान के तौर पर धन दिया है। ऐसे में इस सत्तारूढ़ दल पर उसकी मदद का आरोप लगा है जिसे चीन निर्वासित कर चुका है। इसे काफी गंभीर माना गया है और इसे लेकर चीनी मीडिया में चर्चा का दौर है। तिब्बत में अनुशासन देखरेख के प्रमुख एस वांग योंगजुन ने बताया कि कुछ पार्टी अधिकारियों ने महत्वपूर्ण राजनीतिक मामलों व देश के अलगवावाद विरोधी संघर्ष को नजरअंदाज किया है।
गौरतलब है कि 14वें दलाई लामा पर चीन ने आरोप लगाए थे कि वे धर्म के नाम पर पृथक तिब्बत चाहते हैं। हालांकि उनकी वापसी को लेकर सौ से भी अधिक तिब्बती आत्महत्याऐं कर चुके हैं जिनमें अधिकांश सन्यासी हैं। दूसरी ओर चीन ने भारत के अरूणाचल प्रदेश में दलाई लामा की यात्रा का विरोध किया था जिस पर भारत ने आपत्ती ली थी और कहा था कि चीन इस तरह का विरोध नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि चीन अरूणाचल को अपना ही क्षेत्र मानता है जबकि भारत का कहना है कि अरूणाचल प्रदेश उसका अभिन्न क्षेत्र है।
चीन के ग्लोबल टाइम्स में छपे रिपोर्ट के अनुसार एक सीनियर अनुशासन निरीक्षण अधिकारी ने 14वें दलाई लामा को कथित रूप से धन दान करने के लिए कुछ पार्टी अधिकारियों को यह कहकर उकसाया है कि इससे पार्टी की अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई को कम किया जा सकता है। हालांकि इस रिपोर्ट में उन अधिकारियों के नामों व पदों का उल्लेख नहीं किया गया है। आरोपो में कहा गया है कि दलाई लामा की मदद कर यह प्रयास किया गया है कि वे ऐसे राजनीतिक संस्थानों से मिल जाऐं जो दबे छुपे तरह से काम करते हैं। इसे पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता माना गया है।
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