आज तक आपने भी कई अजीबोगरीब गांव के बारे में सुना होगा लेकिन हम आपको आज एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं जहां पर सभी लोग अंधे हैं. जी हां... सुनकर भले ही आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन ये सच है. जिस गांव के बारे में हम आपको बता रहे हैं वहां पर चाहे इंसान हो या जानवर हर कोई अँधा है. ये गांव भारत में ही मौजूद है जिसका नाम है 'टिल्टेपक' जहां पर जोपोटेक जनजाती के लोग बसते हैं. ऐसा कहां जाता है कि इस गांव में बच्चों के जन्म के समय तो वो अच्छे रहते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद वो अंधे हो जाते हैं.
सड़क किनारे बेस इस गांव में बनी झोपडी पर भी यदि आपकी नजर जाएगी तो भी आपको हैरानी होगी. दरअसल इस गांव की एक भी झोपड़ी में खिड़की नहीं है. ऐसा इसलिए क्योकि इस गांव में किसी भी लोगों को रोशनी की जरुरत ही नहीं पड़ती है. यहां पर करीब 300 रेड इंडियन निवास करते हैं. यहां के लोग पत्थर पर सोते हैं और खाने में भी सिर्फ सेम, बाजरा और मिर्च ही खाते हैं. यहां सभी लोगों के पास लकड़ी से बने औजार रहते हैं और यहां के सभी लोग रात में खाना खाकर और शराब पीकर नाचना-गाना करते हैं.
इस गांव के लोगों को एक बिमारी ने घेर रखा है और इनकी इस बीमारी का कारण एक पेड़ है. दरअसल यहां पर 'लावजुएजा' नामक एक पेड़ है और जो भी इस पेड़ को देखता है वो अँधा हो जाता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात को गलत बता दिया है. उनका ऐसा कहना है कि पर्यटक भी इस पेड़ को देखते हैं लेकिन उन्हें तो ऐसी बीमारी नहीं होती है. कुछ समय पहले यहां एक स्टडी भी हुई थीं जिसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि ये समस्या उन्हें एक काली मक्खी के काटने के कारण होती है. यहां के लोगों को एक ऐसी मक्खी काट लेती है जिसके बाद लोगों के शरीर में कीटाणु फ़ैल जाते हैं अउ वो उनकी आंखों की नसों को ब्लॉक कर देते हैं जिसके कारण उन्हें दिखना बंद हो जाता है.
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