आपको बता दें एक स्वस्थ इंसान 1 मिनट में 10 बार अपनी पलकें झपकाता है। लेकिन अगर आप 10 से कम या फिर बहुत ज्यादा बार अपनी पलकें झपकाते हैं तो यह आपकी आंखों के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। कंप्यूटर, मोबाइल या फिर लैपटॉप पर काम करते वक्त आप अक्सर काफी देर तक अपनी पलकें नहीं झपकाते। लेकिन पलकों को नहीं झपकाना या फिर लगातार काम के बाद पलकों को अत्यधिक झपकाना ‘ड्राइ आई सिंड्रोम’ के लक्षण हो सकते हैं।
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जानकारी के लिए बता दें ड्राई आई सिंड्रोम होने पर तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करना जरूरी है। इस रोग के कई लक्षण हैं। इनमें आखों में भारीपन रहना, आंखों में लाली पड़ना, जलन होना, सूखापन लगना, सूजन आना इत्यादि शामिल है। ज्यादा समय तक कंप्यूटर पर काम करने, एसी में सोने या ज्यादा टीवी देखने से ड्राई आई सिंड्रोम होने का खतरा पैदा होता है।
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यह भी इसके कारण
इसी के साथ हम आपको बता दें ड्राई आई सिंड्रोम से ग्रसित हो जाने पर इंसान की आंखों में आंसू का बनना काफी कम हो जाता है। यहां आपको बता दें कि आंसू, आंख के कॉर्निया व कन्जंक्टाइवा को नम व गीला रखकर उसे सूखने से बचाते हैं। हमारी आंखों में एक टियर फिल्म होती है, जिसकी सबसे बाहरी परत को लिपिड या ऑयली लेयर कहा जाता है। यही लिपिड लेयर आंसू के ज्यादा बहने, गर्मी एवं हवा में आंसू के सूखने या उड़ने को कम करती है।
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