प्रेग्नेंसी के दौरान माँ और बच्चें दोनों को पोषण की अधिक जरूरत होती हैं. गर्भवती महिला को अधिक आयरन की जरूरत होती हैं. इसलिए गर्भवती महिलाओ को सोच समझ कर ब्लड डोनेट करना चाहिए. उसके गर्भ में पल रहे बच्चें का पोषण पूरी तरह माँ के पोषण पर निर्भर होता हैं.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ब्लड डोनेट नहीं करने की सलाह दी जाती हैं. क्योकि प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक बदलाव होने से ब्लड वॉल्यूम और रेड ब्लड सेल्स बढ़ जाती हैं. इससे एनीमिया का रिस्क बढ़ जाता हैं. एनीमिया का रिस्क ग्रामीण भारत की महिलाओं को 50 फीसदी अधिक होता हैं. यदि गर्भवती महिलाओं को हीमोग्लोबिन और आयरन की कमी होती हैं तब डिलीवरी के दौरान उन्हें नुकसान झेलना पड़ता हैं.
इसी कारण गर्भवती महिलाओं को ब्लड डोनेट न करने की सलाह दी जाती हैं. यदि किसी महिला ने अनभिज्ञता में ब्लड डोनेट कर दिया हैं तो घबराने की जरूरत नहीं हैं, अपनी डाइट में आयरन की मात्रा का ख्याल रखे. किसी भी गर्भवती महिला को पहले तीन महीने में ब्लड डोनेट करने से बचना चाहिए.
ये भी पढ़े
किस उम्र में की जाए फैमिली प्लानिंग
गुस्से को करें इस तरह काबू में
किचन में रखी इन चीजों से दूर करें सिर दर्द