ब्लूम्सबरी इंडिया ने इस वर्ष फरवरी में हुए दिल्ली दंगों से संबधित एक बुक का प्रकाशन नहीं करने का ऐलान किया है. प्रकाशन संस्था ने शनिवार को यह ऐलान उनकी सूचना के बिना बुक के बारे में एक ऑनलाइन प्रोग्राम का आयोजन किए जाने के पश्चात की. हालांकि इस किताब की लेखिकाओं- वकील मोनिका अरोड़ा, दिल्ली विश्वविद्यालय की शिक्षकाएं सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा ने बताया कि भले ही एक प्रकाशक ने मना कर दिया हो, किन्तु बुक को प्रकाशित करने के लिए कई अन्य प्रकाशक उपलब्ध हैं.
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इस प्रकाशन संस्था को शुक्रवार को उस वक्त व्यापक प्रतिक्रिया को झेलना पड़ा जब शनिवार को बुक के लोकार्पण का एक कथित इश्तेहार सामने आया और इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को दिखाया गया. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी को हिंसा भड़कने के पहले ऐसे आरोप लगाये गए थे कि कपिल मिश्रा समेत कई नेताओं ने भड़काऊ संबोधन दिए.
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ब्लूम्सबरी इंडिया ने एक बयान जारी कर बताया कि वे अभिव्यक्ति की आजादी के पक्के हिमायती हैं किन्तु समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को लेकर भी उतने ही सावधान हैं. ब्लूम्सबरी इंडिया फरवरी में हुए दिल्ली दंगों के बारे में ‘दिल्ली रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी’ इस साल सितंबर में प्रकाशित करने वाला था. ब्लूम्सबरी इंडिया के किताब का प्रकाशन करने का फैसला वापस लेने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अरोड़ा ने कहा, 'अगर एक प्रकाशक मना करता है, तो 10 और आ जाएंगे. बोलने की स्वतंत्रता के मसीहा इस बुक से डरे हुए हैं.
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