मुंबई: देश की सबसे अमीर नगरपालिका बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के मेयर पद के लिए 22 नवंबर को होने वाले मदतान में शिवसेना के खिलाफ भाजपा अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इस पद के लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि सोमवार यानी आजतक ही है। शिवसेना और भाजपा में CM पद पर हुए विवाद के बाद दोनों सहयोगी पार्टियों के बीच गठबंधन ख़त्म हो चुका है।
BMC में भी भाजपा और शिवसेना सहयोगी हैं, किन्तु इनके बीच गठबंधन टूटने की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। BMC के 227 सदस्यीय सदन में शिवसेना के 94 जबकि भाजपा के पास 82 सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि अगर भाजपा यहां शिवसेना से औपचारिक रूप से समर्थन वापस ले लेती है तो तो कांग्रेस के 30 और एनसीपी के छह सदस्य शिवसेना के बचाव में उतर सकते हैं। 2019-20 में BMC का बजट 30,692 करोड़ रुपये है, जबकि 2016-17 में यह बजट 37,052 करोड़ रुपये था।
इतने भारी-भरकम बजट की वजह से ही देश की सियासत में बीएमसी का स्थान महत्वपूर्ण है। यह बजट नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और गोवा के बजट से भी अधिक है। 2017 के BMC चुनाव में भाजपा और शिवसेना अलग- अलग चुनाव मैदान में उतरी थी। इस चुनाव में शिवसेना को 84 और भाजपा को 82 सीटों पर विजय मिली थी। इसके बाद में शिवसेना ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सात सदस्यों और तीन निर्दलीयों को अपनी पार्टी में शामिल कर BMC में अपनी तादाद को 94 बना लिया था।
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