नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबंधित मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने मांग की है कि बीड़ी के बंडल पर स्वस्थ्य संबंधी खतरे की सचित्र चेतावनी छापने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए. संगठन ने इसके लिए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मामले में दखल देने की मांग की है. BMS का कहना है कि सितंबर से लागू किए जाने वाले इस फैसले से बीड़ी उद्योग में कार्यरत 80 लाख श्रमिकों और तेंदू पत्ता चुनने वाले एक करोड़ व्यक्तियों की आजीविका पर प्रभाव पड़ेगा.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में सिगरेट, कई तंबाकू उत्पादों आदि पर कैंसर होने की आशंका वाली सचित्र चेतावनी अंकित रहती है. अब बीड़ी के लिए भी इस चेतावनी को अनिवार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते 13 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी करते हुए 25 बीड़ी वाले बंडल के 85 फीसद हिस्से पर सचित्र चेतावनी प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया है. यह नियम 1 सितंबर 2020 से लागु हो रहा है. नियमों में संशोधन के साथ इस अधिसूचना में पैकेज की परिभाषा भी बदली गयी है. पैकेज में रैपर, बॉक्स, कागज या टिन की पेटी या कार्टन को रखा गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, BMS स्वास्थ्य मंत्रालय से भी इस फैसले को वापस लेने और 2009 का आदेश बहाल करने का आग्रह कर चुका है. संगठन ने सोमवार को कहा कि उसका एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय श्रम मंत्री से मिला है और इस मामले में दखल देने की उनसे अपील की. बीएमएस ने इस संबंध में जारी की गई सरकारी अधिसूचना वापस लिए जाने की मांग की है.
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