दुनिया की लक्जरी कार निर्माता कंपनी BMW (बीएमडब्ल्यू) महामारी के संकट को देखते हुए अपनी उत्पादन क्षमता को कम करना चाहती है. ऐसे में कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) पर काम करने वाले अपने 10,000 कर्मचारियों का कॉनट्रैक्ट नहीं बढ़ाएगी. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के एक सूत्र ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को इस बारे में जानकारी दी है.
म्यूनिख स्थित कंपनी ने कहा कि वह कार्य परिषद (कर्मचारियों के प्रतिनिधियों) के साथ एक समझौते पर पहुंच गई है और "स्थायी भविष्य के लिए कार्मिक उपायों" का एक पैकेज बनाया गया था.
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दुनियाभर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया. जिससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. खासकर ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी खासा प्रभाव देखा गया है. वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट आई है. जिसकी वजह से कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया है. इतना ही स्थानीय सरकारों के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कंपनियों ने कम क्षमता के साथ काम शुरू की. इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी वित्तीय हालात को संभालने के लिए छंटनी जैसे रास्तों को भी अपनाया है. जर्मनी की मल्टीनेशनल ऑटोमोबाइल कंपनी बीएमडब्ल्यू ने भी यही विकल्प को प्राथमिकता दी है.
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अपने बयान में बीएमडब्ल्यू ने बताया कि सेवानिवृत्ति के नजदीक पहुंच चुके कर्मचारियों को मुआवजे का भुगतान कर समय से पहले रिटायरमेंट दे दिया जाएगा. इसके अलावा युवाओं को आगे की उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी. इसके अलावा शिक्षा पूरी होने के बाद रोजगार की गारंटी भी दी जाएगी. दुनिया भर में बीएमडब्ल्यू के 1,26,000 कर्मचारी हैं. बीएमडब्ल्यू के अलावा कई ऑटो निर्माता और ऑटोमोबाइल कंपोनेंट निर्माता भी कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं. फ्रांसीसी कार निर्माता Renault (रेनो) ने मई में अपने कर्मचारियों की छंटनी करने का एलान किया था.
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