जिम करने का चलन हाल के वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. यूथ्स में बॉडी बनाने की इच्छा तेजी से बढ़ती जा रही है वहीं वो इसके लिए न जाने क्या क्या करते हैं. कुछ युवाओं में यह इतना ज्यादा रहता है कि वो अपना सारा समय जिम करने में देते हैं. कुछ युवाओं में जिम करने का जुनून इस कदर रहता है कि वो तनाव में रहने लगते हैं. हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार युवा बॉडी बनाने की वजह से तनाव बहुत ज्यादा लेते हैं. इससे आपकी सेहत पर खासा असर पड़ता है.
नॉर्वेगन यूनिवर्सिट ऑफ साइंस के अनुसार बॉडी बनाने के तनाव में युवा अनाबोलिक स्टेरॉयड और सप्लिमेंट का सेवन भी ज्यादा करने लगते हैं. सप्लिमेंट के सेवन से शरीर पर कई बार गलत प्रभाव भी पड़ते हैं. ऐसा एक शोध कह रहा है.
शोध में आए चौंकाने वाले नतीजे
शोध में शामिल युवाओं ने अपनी शरीर के लिए पिछले तीन सालों में डाइट भी की जो कि मोटापे से जुड़ी नहीं थी. शोधकर्ताओं के अनुसार ज्यादातर युवा बॉडी इमेज डिसऑर्डर (Body Image Disorder)के शिकार पाये गये.
क्या है बॉडी इमेज डिसऑर्डर
एक तरह से यह दूसरे की तुलना में अपनी शरीर को कमतर समझने की दिमागी परेशानी है. बार-बार अपनी शरीर को आइने में देखना और उसे अच्छा बनाने के लिए घंटों मेहनत करने के साथ कास्मेटिक पदार्थों का सेवन करना शामिल है.
कई बार वो इसकी वजह से सोशल भी नहीं हो पाते हैं. इसकी वजह से वो तनाव और डिप्रेशन के भी शिकार हो सकते हैं. तुलना और डाइट में बदलाव की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इसकी वजह से डिप्रेशन की गंभीर समस्या हो सकती है.
इलाज
जिम करने का चलन हो या बॉडी बनाने का चलन इसमें किसी तरह की तुलना से बचना चाहिए. अगर आप में भी इस तरह की भावना है तो इसे नज़रअंदाज़ करें. जो इसके शिकार हो गये हैं उनको काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है. डिप्रेशन और तनाव कम करने के लिए दवा का सेवन भी किया जा सकता है.
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