देश के सबसे सम्माननीय पुरस्कार पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान जिनका आज जन्मदिन है. आपको बता दे कि, मशहूर सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान जिनका जन्म 9 अक्टूबर 1945 को ग्वालियर में हुआ था. अमजद अली खान आज 74, साल के हो चले है. 12 वर्ष की अल्पायु में ही अपनी पहली संगीत प्रस्तुति देकर उस्ताद संगीतज्ञों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले सरोद सम्राट अमजद अली खान जो कि वर्तमान भारत के वास्तविक सद्भावना दूत हैं, यही कारण है कि महात्मा गांधी की 144वीं जयंती पर जब संयुक्त राष्ट्र की विशेष सभा में राष्ट्रपिता को संगीत से श्रद्धांजलि देने की बारी आई तो इस कार्य के लिए पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान अमजद अली खान को चुना गया.
भारतीय शास्त्रीय संगीत के अनेक वाद्यों का प्रचलन जहां दिनों दिन कम होता जा रहा है, और आने वाली पीढ़ियों की उन वाद्य यंत्रों पर संगीत साधना से रुचि समाप्त होती जा रही है, वहीं अमजद अली खान ने एक ऐसे वाद्य यंत्र से भारतीय शास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया जो न सिर्फ दूर देश ईरान से लाए गए वाद्य 'रबाब' को भारतीय संगीत परंपरा एवं वाद्यों के अनुकूल परिवर्धित करके निर्मित किया गया.
यह नया वाद्य यंत्र 'सरोद' कहलाया जिसका अर्थ है होता है मेलोडी अर्थात् मधुरता. अमजद अली खान ने संगीत के लिए प्रसिद्ध बंगश घराने की पारंपरिक संगीत को छठी पीढ़ी में न सिर्फ जीवित रखा है, बल्कि अनेक मौलिक रचनाओं के साथ उसे नया जीवन प्रदान किया है.
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