गशुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश में विभिन्न एयरलाइंस को विमान में बीच की सीट बुक करने की अनुमति दे दी है. लेकिन यह भी कहा है कि उन्हें कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती के साथ पालन करना चाहिए.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस एसपी तावड़े की खंडपीठ ने एयर इंडिया के पायलट की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. याचिका में कहा गया था कि एयरलाइंस बीच की सीट को खाली रखने की शर्त का पालन नहीं कर रही हैं. पीठ ने कहा कि फैसला आने तक 31 मई को जारी डीजीसीए के निर्देशों का पालन किया जाए. साथ ही, डीजीसीए ने अपने दिशानिर्देशों कहा था कि एयरलाइंस कंपनियों को विमान में बीच की सीट को खाली रखने का प्रयास करना चाहिए. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो बीच की सीट के यात्री को पूरे शरीर को ढकने के लिए गाउन, मास्क और चेहरे को ढकने के लिए शील्ड मुहैया कराया जाना चाहिए.
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अपने बयान में भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए ने यह भी कहा था कि भारी पैसेंजर लोड के चलते विमानों में यात्रियों को बीच की सीट आंवटित की जाती है तो उसे मास्क और फेस शील्ड के अलावा शरीर को कवर करने वाला गाउन भी मुहैया कराया जाए, ताकि कोरोना के फैलने का खतरा कम हो. वही डीजीसीए ने यह भी कहा था कि एयरलाइनें यह सुनिश्चित करें कि प्रवेश और निकास द्वारों पर यात्रियों की भारी भीड़ न हो और उन्हें बारी-बारी से ही निकाला जाए. एयरलाइनें सभी यात्रियों को सेफ्टी किट और सैनेटाइजर से लेकर सभी तरह के सुरक्षा उपाय मुहैया कराएं.
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