मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मुंबई के दो जैन मंदिरों को दिवाली पर्व पर धनतेरस से भाई दूज तक भक्तों के लिए खोलने की इजाजत दे दी है. हालांकि इन मंदिरों को कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. बॉम्बे उच्च न्यायालय में श्री ट्रस्टी आत्म कमल लब्धिसूरीश्वरजी जैन ज्ञान मंदिर ट्रस्ट और अन्य ट्रस्ट की ओर से याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें 102 जैन मंदिरों को 5 दिन के लिए खोलने की इजाजत देने का आग्रह किया गया था.
जस्टिस एसजे काथावाला और जस्टिस अभय आहूजा की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अन्य 100 मंदिर खोलने की इजाजत देने की मांग को खारिज कर दिया. अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दादर और भायखला के जैन मंदिरों को दिवाली के दौरान 5 दिन खोलने की स्वीकृति प्रदान की. ये मंदिर 13 से 17 नवंबर तक सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक खुले रहेंगे. इस दौरान मंदिर के हॉल में 15 मिनट के लिए एक बार में 8 लोग ही प्रवेश कर सकेंगे.
उच्च न्यायालय में याचिका पर वकील प्रफुल्ल शाह ने पक्ष रखा. अपील करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मॉल, रेस्तरां और बार, व्यायामशाला, मेट्रो और मोनोरेल खोलने के साथ ही बेस्ट की बसों को भी पूरी क्षमता से चलने की इजाजत दी है. इस तरह इस बात की कोई वजह नहीं है कि मंदिर खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती. दिवाली की पांच दिवसीय अवधि जैनियों के लिए शुभ और बेहद अहम है, इसलिए मंदिरों को खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए.
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