मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई की दूसरी लाइफलाइन मानी जानी वाली बेस्ट बसों की हड़ताल का मामला अब बॉम्बे उच्च न्यायालय पहुंचा है. अदालत ने इस मामले की आज सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई के समय जज ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी लताड़ लगाई है. अधिकारियों और सरकार को फटकार लगाते हुए जज ने कहा है कि, 'अदालत ने आपको एक समिति बनाकर इस मामले का हल निकालने का आदेश दिया था.
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हालांकि अदालत के आदेशानुसार कमेटी का गठन भी हुआ था, किन्तु इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. सरकार को लताड़ते हुए अदालत ने कहा है कि सरकार की लापरवाही के कारण मुंबई की बेस्ट बसों में यात्रा करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अदालत ने हड़ताल कर रहे यूनियन को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हम आपसे कुछ नहीं कह रहे हैं तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि आप अपनी हड़ताल जारी रखेंगे.
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अदालत में अपना पक्ष रखते हुए बीएमसी ने कहा है कि यह मामला करोड़ों रुपयों का है. इस पर कोई फैसला लेने के लिए समय लगेगा, यूनियन हड़ताल जारी रखकर हम पर दबाव डालने का प्रयास नहीं कर सकता. अदालत ने तमाम पक्षों की दलील सुनने के बाद तीन बजे एडवोकेट जनरल को कोर्ट में पेश होकर इस पूरे मामले पर राज्य सरकार की भूमिका स्पष्ट करने की निर्देश दिए हैं.
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