मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने एक 13 साल की नाबालिग को उसके 33 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. पीड़िता के पिता ने कोर्ट में यह कहते हुए याचिका दाखिल की थी कि नाबालिग शारीरिक रूप से प्रसव के लिए अक्षम है, इसलिए उसे गर्भपात की इजाजत दी जानी चाहिए.
इस मामले में उच्च न्यायालय ने जेजे अस्पताल के डॉक्टरों के एक पैनल को नियुक्त किया था ताकि वह लड़की की जांच कर सके. लड़की की गर्भवस्था पहले से ही एडवांस स्टेज में थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस स्तर पर मां को अस्पताल में बच्चे के साथ मौजूद होने की जरुरत होगी. बताया जा रहा है कि नाबालिग के साथ उसके किसी परिचित ने ही दुष्कर्म किया था.
7 महीने पहले जब आरोपी ने लड़की को अकेला पाया तो उसने उसे धमकी देने के बाद दुष्कर्म किया. धमकी के डर से नाबालिग ने घर में किसी को कुछ नहीं बताया. लेकिन पेट में जब उभार नज़र आया, तो मामला समझ में आया. इस माममे में 23 फरवरी को आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और लड़की को 30 सप्ताह की गर्भवती पाया गया था. जिसके बाद लड़की के पिता ने अदालत में याचिका दाखिल की थी.
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