कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद से ही हिंसा देखने को मिल रही हैं. बंगाल में कहीं बमबारी, तो कहीं गोलीबारी की ख़बरें सामने आ रही है. ऐसा नहीं है कि हिंसा सिर्फ 2 सियासी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हो रही है, दक्षिण परगना में तो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 2 गुट आपस में ही भिड़ गए हैं.
Yesterday, bombs were hurled to stop Opposition candidates from filing nominations in the Panchayat poll… These are visuals from Bhangar, just behind New Town, on the outskirts of Kolkata, the seat of power in Bengal.
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 14, 2023
Democracy is being stifled under Mamata Banerjee’s watch… pic.twitter.com/hOOR01y0KR
रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण परगना के भांगर में मंगलवार (14 जून) को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और TMC के समर्थकों में झड़प हुई थी. TMC समर्थकों पर ISF समर्थकों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने से रोक दिया. इस दौरान बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती रही. इस दौरान जमकर हिंसा भी हुई और बमबाजी से पूरा भांगर दहल उठा. भाजपा के IT सेल चीफ अमित मालवीय ने बमबारी का वीडियो साझा करते हुए कहा कि ममता बनर्जी के शासन में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. उन्होंने लिखा कि, "कल, विपक्षी प्रत्याशियों को पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए बम फेंके गए. ये वीडियो कोलकाता के बाहरी इलाके, बंगाल में सत्ता की सीट, न्यू टाउन के पीछे भांगर से हैं.
साउथ 24 परगना के कैनिंग में बुधवार (14 जून) को TMC के दो गुट नामांकन को लेकर एक बार फिर भिड़ गए. ब्लॉक अध्यक्ष सैबल लाहिड़ी की अगुवाई में TMC कार्यकर्ताओं ने कैनिंग बस स्टैंड के पास सड़क जाम कर दिया. उनका आरोप है कि TMC के दूसरे गुट ने उन्हें तब रोका जब वे कैनिंग में BDO दफ्तर में नामांकन दाखिल करने जा रहे थे. वहीं दूसरा गुट TMC विधायक परेश राम का करीबी माना जाता है. इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.
बता दें कि, इससे पहले बांकुड़ा में 2 कारों में बम से भरे 2 बैग जब्त किए गए थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि इंदास में अराजकता फ़ैलाने के लिए दो कारों में बम लाए जा रहे हैं. उस सूचना पर कार्रवाई करते हुए उन्होंने वाहनों की चेकिंग शुरू की और आखिर में बम लेकर आ रही गाड़ियों को पकड़ लिया गया. हालाँकि, ये कोई पहली बार नहीं है, विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा या फिर छोटे स्तर के चुनाव, बंगाल में हर बार चुनावी मौसम में हिंसा होती है. जिसमे लोगों को नामांकन भरने से, वोट डालने से या रैली-जुलुस निकालने से भी रोका जाता है और हिंसा होती है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो बंगाल में अधिकतर दहशत फैलाकर सत्ता हासिल करने का सिलसिला चलता नज़र आता है, फिर चाहे वो राज्य में दशकों तक शासन करने वाली लेफ्ट (CPM) हो या मौजूदा TMC. 2022 बंगाल विधानसभा चुनाव में भी हिंसा और दहशत के कारण हज़ारों लोग राज्य से पलायन कर पड़ोसी प्रदेशों में चले गए थे, इनमे से अधिकतर भाजपा समर्थक थे और हिन्दू थे.
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