नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने देश में कोरोना की तीसरी लहर के बीच सोमवार से 60 वर्ष से अधिक के लोगों, हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज (बूस्टर डोज) देना शुरु किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पहले ही दिन करीब दस लाख लोगों को बूस्टर डोज दी गई. पहले दिन 519604 हेल्थकेयर वर्कर्स, 201205 फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के 263867 लोगों को प्रिकॉशन डोज़ दी गई.
सरकारी गाइडलाइन्स के अनुसार, बूस्टर डोज उन्हें दी जाएगी, जिन्हें वैक्सीन की दूसरी खुराक लगे 9 महीने हो चुकेहैं. मतलब यह है कि यदिआपने गत वर्ष जनवरी से मार्च के बीच दूसरी डोज ली होगी, तो आप तीसरी डोज के पात्र होंगे. बूस्टर डोज के लिए अब फिर से पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं होगी. क्योंकि कोविन पर आपका अकाउंट पहले ही बन चुका है. अब बस मैसेज आने के बाद आप कोविन के माध्यम से बूस्टर डोज के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं.
जैसे वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक लेने पर टीकाकरण सर्टिफिकेट मिला है, ठीक उसी तरह बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. वैक्सीन की ये बूस्टर डोज कोरोना से बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक है. मौजूदा दौर में कोरोना के नए Omicron वेरिएंट ने इसकी आवश्यकता को और बढ़ा दिया है. इन दिनों बूस्टर डोज के साथ प्रीकॉशन डोज की भी बात की जा रही है. कई लोगों का मानना है कि ये दोनों अलग-अलग है. दरअसल, पीएम मोदी ने बूस्टर डोज की जगह पर एहतियाती (प्रीकॉशन) डोज का इस्तेमाल किया था. किन्तु बूस्टर और एहतियाती डोज का मतलब एक ही है.
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