श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में बड़ा चुनावी उलटफेर देखने को मिला है। वहाँ दशकों से रसूखदार रहीं दोनों प्रमुख दलों के मुखिया चुनाव हार गए हैं। ‘जम्मू एन्ड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस’ (JKNF) के उपाध्यक्ष तथा पूर्व सीएम उमर अब्दुला और ‘जम्मू एन्ड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (JKPDP) की महबूबा मुफ़्ती अपने-अपने सीटों से चुनाव हार गए हैं। उमर अब्दुल्ला बारामूला से मैदान में थे, जबकि महबूबा मुफ़्ती अनंतनाग-राजौरी से चुनाव में थीं। जम्मू कश्मीर में भाजपा के खाते में 2 सीटें जाती हुईं दिख रही हैं, JKNF 2 और एक पर निर्दलीय की जीत हो रही है।
बारामुला से निर्दलीय अब्दुल रशीद शेख ने जीत दर्ज की है। खबर लिखे जाने तक शेख को 3.12 लाख वोट मिल चुके थे, वहीं उमर अब्दुल्ला 1.44 लाख वोटों से पीछे चल रहे थे। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकस्त भी स्वीकार कर ली है। उन्होंने अपने विजय सांसदों रहुल्लाह मेहंदी और मियाँ अल्ताफ को बधाई देते हुए कहा कि वो इसके लिए क्षमा माँगते हैं कि संसद में उनका साथ नहीं दे सकेंगे, किन्तु उन्हें भरोसा है कि दोनों वहाँ जम्मू कश्मीर का सही तरीके से प्रतिनिधित्व करेंगे।
वहीं, अनंतनाग-राजौरी सीट पर PDP की मुखिया महबूबा मुफ़्ती काफी पिछड़ गईं हैं। यहाँ से उमर अब्दुल्ला की ही पार्टी के मियाँ अल्ताफ अहमद आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें खबर लिखे जाने तक 4.59 लाख वोट प्राप्त हुए थे, जबकि महबूबा मुफ़्ती 2.22 लाख वोट ही मिली थीं। इस प्रकार से वो 2.36 लाख मतों से पीछे चल रही हैं। ‘जम्मू एन्ड कश्मीर अपनी पार्टी’ के ज़फर इक़बाल खान मन्हास ने भी इस चुनाव में 1.17 लाख वोट ले चुके हैं।
बता दें कि, उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ़्ती, दोनों जम्मू कश्मीर के सीएम रह चुके हैं। उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 1998, 1999 और 2004 में निरंतर जीत कर हैट्रिक लगा चुके हैं। उनके पिता फारूख अब्दुल्ला भी 4 बार यहाँ से सांसद बने हैं। वहीं महबूबा मुफ़्ती 2004 और 2014 में अनंतनाग से चुनाव जीत चुकी हैं। उनके पिता भी यहाँ से 1998 में जीत हासिल कर चुके हैं। फारूख अब्दुल्ला और मुफ़्ती मुहम्मद सईद, दोनों जम्मू कश्मीर के सीएम रह चुके हैं।
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